आजा तुझको पुकारे मेरे गीत रे /आनंद बख़्शी
आ जा तुझको पुकारें मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा, मेरे मीत रे, आजा ...
नाम न जानूँ तेरा देश न जानूँ
कैसे मैं भेजूँ सन्देश न जानूँ
ये फूलों की ये झूलों की, रुत न जाये बीत रे
आजा तुझको ...
तरसेगी कब तक प्यासी नज़रिया
बरसेगी कब मेरे आँगन बदरिया
तोड़ के आजा छोड़ के आजा, दुनिया की हर रीत रे
आजा तुझको ...
आ जा तुझको पुकारें मेरे गीत रे, मेरे गीत रे
ओ मेरे मितवा, मेरे मीत रे, आजा ...
नाम न जानूँ तेरा देश न जानूँ
कैसे मैं भेजूँ सन्देश न जानूँ
ये फूलों की ये झूलों की, रुत न जाये बीत रे
आजा तुझको ...
तरसेगी कब तक प्यासी नज़रिया
बरसेगी कब मेरे आँगन बदरिया
तोड़ के आजा छोड़ के आजा, दुनिया की हर रीत रे
आजा तुझको ...
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