नशे की दौड़ में शामिल देश के लोग ना होना,
बहुत है कीमती जीवन जतन में इसको न खोना।
ये तंबाकू ये सिगरेटें ये गुटका और ये मदिरा,
फसल हैं मौत की सारी इन्हें जीवन में ना बोना।।
नशे की दौड़ में शामिल देश के लोग ना होना,
बहुत है कीमती जीवन जतन में इसको न खोना।
ये तंबाकू ये सिगरेटें ये गुटका और ये मदिरा,
फसल हैं मौत की सारी इन्हें जीवन में ना बोना।।
हवन कुंड : हवन करने के लिए आपके पास हवन कुंड होना चाहिए। यदि आपके पास हवन कुंड नहीं हो तो 8 ईंट जमाकर भी आप हवन कुंड बना सकते हैं। हवन कुंड का आप गोबर या मिट्टी से लेप कर लें। हवन कुंड इस प्रकार बनने चाहिए कि वे बाहर से चौकोर रहें। लंबाई, चौड़ाई व गहराई समान हो। इसके चारों और नाड़ा बांध दें। फिर इस पर स्वास्तिक बनाकर इसकी पूजा करें। हवन कुंड में आम की लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित करते हैं। अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति दी जाती है।
नवरात्रि हवन सामग्री || Navratri Havan Samagri
नवरात्रि हवन सामग्री : हवन सामग्री जितनी हो सके अच्छा है नहीं तो काष्ठ, समिधा और घी से ही काम चला सकते हैं। आम या ढाक की सूखी लकड़ी और नवग्रह की नौ समिधा (आक, ढाक, कत्था, चिरचिटा, पीपल, गूलर, जांड, दूब, कुशा), शुद्ध घी।
नवरात्रि हवन विधि मंत्र || Navratri Havan Vidhi Aur Mantra
नवरात्रि हवन विधि : हवन करते समय स्वच्छता का सही से ख्याल रखें। सबसे पहले रोज की पूजा करने के बाद अग्नि स्थापना करें फिर आम की चौकोर लकड़ी लगाकर, कपूर रखकर जला दें। उसके बाद नीचे दिए गये इन मंत्रों से आहुति देते हुए हवन शुरू करें।
इन मंत्रों से शुद्ध देसी घी की आहुति दें। यदि संभव हो सके तो गाय का घी है तो बहुत ज्यादा उत्तम है। ये पांच मंत्र इस प्रकार है।
ॐ प्रजापतये स्वाहा।
ॐ इन्द्राय स्वाहा।
ॐ अग्नये स्वाहा।
ॐ सोमाय स्वाहा।
ॐ भूः स्वाहा।
उसके बाद आप ऊपर बताई गई हवन सामग्री से हवन करना शुरू कर सकते हैं।
नवग्रह नवरात्रि हवन मंत्र सामग्री || Nav Garah Navratri Havan Mantra
यदि हवन 2 या 2 से अघिक सदस्य कर रहे है तो 1 सदस्य घी की आहुति दे, शेष अन्य सदस्य हवन सामग्री से आहुति दे। ये मंत्र इस प्रकार है।
ऊँ सूर्याय नमः स्वाहा
ऊँ चंद्रयसे स्वाहा
ऊं भौमाय नमः स्वाहा
ऊँ बुधाय नमः स्वाहा
ऊँ गुरवे नमः स्वाहा
ऊँ शुक्राय नमः स्वाहा
ऊँ शनये नमः स्वाहा
ऊँ राहवे नमः स्वाहा
ऊँ केतवे नमः स्वाहा
इसके बाद 21 बार गायत्री मंत्र से आहुति देनी हैं। गायत्री मंत्र इस प्रकार से है ।
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। स्वाहा (21 बार)
फिर आप नीचे बताये गये इन मंत्रों से हवन में आहुति दें।
ॐ गणेशाय नम: स्वाहा।
ॐ गौरियाय नम: स्वाहा।
ॐ नवग्रहाय नम: स्वाहा।
ॐ दुर्गाय नम: स्वाहा।
ॐ महाकालिकाय नम: स्वाहा।
ॐ हनुमते नम: स्वाहा।
ॐ भैरवाय नम: स्वाहा।
ॐ कुल देवताय नम: स्वाहा।
ॐ स्थान देवताय नम: स्वाहा
ॐ ब्रह्माय नम: स्वाहा।
ॐ विष्णुवे नम: स्वाहा।
ॐ शिवाय नम: स्वाहा।
नवदुर्गा नवरात्रि हवन मंत्र || Nav Durga Navratri Havan Mantra
ॐ दुर्गा देवी नमः स्वाहा
ॐ शैलपुत्री देवी नमः स्वाहा
ॐ ब्रह्मचारिणी देवी नमः स्वाहा
ॐ चंद्र घंटा देवी नमः स्वाहा
ॐ कुष्मांडा देवी नमः स्वाहा
ॐ स्कन्द देवी नमः स्वाहा
ॐ कात्यायनी देवी नमः स्वाहा
ॐ कालरात्रि देवी नमः स्वाहा
ॐ महागौरी देवी नमः स्वाहा
ॐ सिद्धिदात्री देवी नमः स्वाहा
ॐ जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहा |
ॐ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि: भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: भवंतु स्वाहा।
ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
इसके बाद 11 बार महामृत्युंजय मंत्र से आहुति देनी चाहिए।
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिंम् पुष्टिवर्धनम्/ उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मृत्युन्जाय नम: स्वाहा।”
ॐ शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्यार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते। स्वाहा।
माता के नर्वाण बीज मंत्र से 108 बार आहुतियां देनी चाहिए। मंत्र निम्न प्रकार से हैं |
नर्वाण बीज मंत्र : “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै। स्वाहा”
दुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय में इंद्रादि देवताओं द्वारा देवी स्तुति में 25 सुंदर मंत्र कहे गए हैं। उनसे हवन में आहुति देनी चाहिए।
इऩ मंत्रों में देवी की प्रशंसा है। इसलिए ये मंत्र उत्तम कहे गए हैं। हर मंत्र के अंत में स्वाहा जोड़ लें।
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु च्छायारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
इन्द्रियाणामधिष्ठात्री भुतानाञ्चाखिलेषु या ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
चितिरूपेण या कृत्स्नमेतद् व्याप्य स्थिता जगत् ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
इन मंत्रों से आहुति दें तो अच्छा रहेगा। इसके बाद अंत में, हवन के बाद एक नारियल के गोले में कलावा बांध लें। चाकू से उसके ऊपर के भाग को काट कर उसमें घी, पान, सुपारी, लौंग, जायफल और जो भी प्रसाद उपलब्ध हो, उसे रख दें। और बची हुई हवन सामग्री फिर उसमें डाल दें। यह पूर्ण आहुति की तैयारी है. फिर पूर्ण आहुति मंत्र पढ़ते हुए उसे हवनकुंड की अग्नि में रख दें।
पूर्णाहुति मंत्र : ऊँ पूर्णमद: पूर्णम् इदम् पूर्णात पूर्णादिमं उच्यते, पुणस्य पूर्णम् उदच्यते। पूर्णस्य पूर्णभादाय पूर्णमेवावाशिष्यते।।
इस मंत्र को कहते हुए पूर्ण आहुति दे देनी चाहिए। पूर्ण आहुति के बाद यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें, फिर परिवार सहित आरती करके हवन संपन्न करें और माता से क्षमा याचना करते हुए क्षमा मांगें। इसके बाद अपने ऊपर किसी से 1 रुपया उतरवाकर किसी अन्य को दें दें। इस तरह आप सरल रीति से घर पर हवन संपन्न कर सकते हैं।
क्षमा प्रार्थना : पूजन, जप, हवन आदि में जो गलतियाँ हो गयी हों , उनके लिए हाथ जोड़कर सभी लोग क्षमा प्रार्थना करें |
ॐ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम | पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर ||
ॐ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर | यत्पूजितं माया देवं परिपूर्ण तदस्तु में ||
संतोष कुमार आर्य
9450195881
हमारा प्यारा भारत हमारे सपनों का भारत हमारे भारत में पिछले 66 सालों से स्वतंत्रता दिवस का तिरंगा झंडा लहराता चला रहा है और फिर आज आ गया है एक स्वतंत्रता दिवस देश के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करने का दिवस स्वयं पर स्वयं का शासन सेलिब्रेट करने का दिवस हमारे यहां त्यौहारों की श्रंखला में राष्ट्रीय पर्व मनाने के इतने अधिक अवसर होने के बावजूद भी हम केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी का ही और इंतजार क्यों करते हैं जरा आराम से सोचिए अरे अपने ही देश को प्यार करना हमारे लिए इतना मुश्किल क्यों है?
जाहिर सी बात है कि यह बात देशभक्त लोगों को स्वीकार नहीं होगी क्योंकि वह तो अपनी गाड़ियों पर तिरंगा झंडा लहराते हैं मोबाइल पर देश भक्ति की हेलो ट्यून लगाते हैं स्क्रीन सेवर पर वॉलपेपर पर व्यस्त पर और वेशभूषा पर तिरंगा लगाते हैं फिर हम कैसे मान लें कि लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार नहीं करते हम देश से प्यार नहीं करते हैं वास्तव में देश भक्ति को मापने की शक्ति किसी पैमाने में नहीं है इसके लिए वास्तव में अपने दिल पर हाथ रख कर हमें स्वयं ही इमानदारी से कुछ जवाब दे देंगे नंबर 1 अगर आप कोई नशा करते हैं तो आप देशभक्त बिल्कुल नहीं कहे जाएंगे चाहे आपके दिल में देश के लिए प्रशांत महासागर से भी गहरा प्रेम क्यों ना हो क्योंकि इस देश को सशक्त संस्कारी और जोश से भरे हुए युवाओं की जरूरत है नशा करने वालों की रचनात्मकता 2% भी इस देश को नसीब नहीं होती है क्योंकि नशा आपको इस लायक ही नहीं छोड़ता की आप देश भक्त कहलाए नशा आपसे आपके समरण शक्ति को तथा सोचने समझने की शक्ति को ही कमजोर कर देता है नशे की हालत में आप सही गलत का फर्क भी भूल जाते हैं सो आप खुद का भी भला नहीं सोच पाते तो आप से देश का भला चाहने की उम्मीद करना भी बेकार है अतः आप देश को बना नहीं रहे बल्कि आप देश को बर्बाद कर रहे हैं दूसरी बात यह है कि क्या आप महिलाओं का सम्मान करते हैं आपको एक सीधे साधे प्रश्न के लिए भी अगर सोचना पड़ रहा है तो आप अपने आप से पूछिए क्या आप सच में देश प्रेमी कहलाने लायक हैं अगर आप एकांत में दोस्तों के साथ लड़कियों को लेकर टिप्पणी करते हैं आप उनकी नाजुक भावनाओं से के साथ खिलवाड़ करते हैं आपने कितनों को कष्ट दिया है आप नेट पर आपत्तिजनक वेबसाइट ढूंढते हैं और वह आपके लिए मौज मस्ती का विषय है और आप सड़क चलते बसों और अन्य भीड़ वाली जगहों पर आप उन पर फब्तियां कसते हैं तब तो आप इस देश में रहने के लायक ही नहीं है फिर आपकी दिखावे की देश भक्ति देश के किस काम की है अरे यह देश सदियों से नारीत्व को सम्मान देने वाली गरिमामई संस्कृति के लिए जाना जाता है सारा संसार भारत को देवताओं का देश के नाम से जानता है आप उसी खुद के देश का अपमान कर रहे हैं लेकिन अफसोस की बात तो यह भी है कि कुछ नारी अभी आज भारत में ममता की देवी और मां का दर्जा पाने वाली कई मामा आदर्श पर कलंक बन गई है इसके अलावा यदि आप सड़क पर गंदगी फैलाते हैं पैदल सड़क चलते कार बस या ट्रेन में बैठकर पान गुटखा या तंबाकू खा कर उसकी पीठ सड़क पर थूकते हैं तो भी आप देश प्रेमी नहीं कहलाएंगे यदि आप किसी की दीवार को बाथरूम समझ लेते हैं या सिगरेट बीड़ी के टुकड़े जहां-तहां फंसे हैं या ऐतिहासिक स्थलों किसी पवित्र जगह पर उल्टी-सीधी बातें चाटिया कोयले से लिखते हैं या आप माता पिता गुरुजनों की बातों को उनके सामने स्वीकार करके भी बाद में ना करने पर आप देश प्रेमी तो दूर देशद्रोही से भी अधिक बदतर हैं अगर आप रिश्वत लेते हैं या देते हैं ताकि आपका काम जल्दी हो जाए और उनकी और उनकी ओवर इनकम बन जाए तो आप दोनों ने सच्चे भारतीय नागरिक होने का गौरव खो दिया है क्योंकि यह शब्द भ्रष्टाचार है और लालच भ्रष्टाचार की जननी है यदि हमारे देश का कोई भी नागरिक इस रूप में है तो चाहे कितने नारे लगाए देश प्रेम के वह सब खोखले हैं अगर आप गुरु या बांस के सामने या गार्जियन के सामने दिखावे के लिए पढ़ाई करते हैं या काम करते हैं या कोई भी कार्य करते हैं और उनके जाने के बाद तुरंत गपशप या टेबल पर कोई अनर्गल कार्य करते हैं तो आप अप्रत्यक्ष रूप से अपना और देश का दोनों का नुकसान कर रहे हैं जी हां जरा उन पर भी नजर डालो जो स्कूल के टीचर है खाते हैं गुटके और पढ़ाते हैं पाठ कमला पसंद खाकर चैप्टर लिख आते हैं दबदबा इतना बनाए हैं कि बच्चे उनके नाम से कांपते हैं और जब बच्चे टीचर की आवाज साफ ना सुन पाने से शब्द गलत लिखते हैं और जब कॉपी चेक करवाते हैं तो टीचर गलत लिखा होने के कारण बच्चों को मारते हैं और कहते हैं गलत क्यों लिखा बे जरा बताओ बच्चा कैसे बताएं कि गलत क्यों लिखा बच्चे के अंदर इतनी हिम्मत नहीं कि उनके सामने हकीकत कह दे आप ही बताओ कि क्या बच्चा जानबूझकर गलत लिखता है क्या उसे मार खाना अच्छा लगता है या उसे गलत लिखने का शौक चल रहा है जरा आप खुश हो तो आज आप इस स्वतंत्रता दिवस पर अपनी आदतों का स्वयं मूल्यांकन करें और देश के लिए अच्छे इंसान और सच्चे देशभक्त बनने की पहल शुरू कीजिए तभी आप भारत माता की पीड़ा को दूर कर सकेंगे और मां तुझे सलाम व दिल दिया है जान भी देंगे आपका साकार होगा आज देश तमाम समस्याओं से गुजर रहा है लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो देश है लोग अपने देश समाज या देश को इस चला इग्नोर करते हैं बल्कि पश्चिमी और विदेशी सभ्यता को पसंद करते हैं बस यही सोचते हैं कि कब मौका मिले और कब दूर शहर या देश को भाग जाएं यही ख्वाब लेकर हम बड़े होते हैं क्योंकि लोगों को अपने घर का या समाज का छोटा काम करने में शर्म आती है उसे बेजती समझते हैं और बाहर जाकर चाहे रोज 400000 उसे खाकर वही काम करें पर वह उन्हें मंजूर है इसी तरह हम बड़े हो जाते हैं लेकिन आने वाली पीढ़ी से यही कहते हैं इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के अरे जब आप अपने को नहीं सुधार सकते तो भला दूसरों को क्या सुधरेंगे बस आप अपनी सूझबूझ से अपना जमीर सुधारने की निरंतरता को बनाए रखें बस यही दोस्तों आप से उम्मीद है यही आशा हैमाँ मेरी माँ प्यारी माँ मम्मा ओ माँ मेरी माँ प्यारी माँ मम्मा हाथों की लकीरें बदल जायेंगी ग़म की येः जंजीरें पिघल जायेंगी हो खुदा प...