Sunday 16 August 2020

देश भक्ति का सही अर्थ

 हमारा प्यारा भारत हमारे सपनों का भारत हमारे भारत में पिछले 66 सालों से स्वतंत्रता दिवस का तिरंगा झंडा लहराता चला रहा है और फिर आज आ गया है एक स्वतंत्रता दिवस देश के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करने का दिवस स्वयं पर स्वयं का शासन सेलिब्रेट करने का दिवस हमारे यहां त्यौहारों की श्रंखला में राष्ट्रीय पर्व मनाने के इतने अधिक अवसर होने के बावजूद भी हम केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी का ही और इंतजार क्यों करते हैं जरा आराम से सोचिए अरे अपने ही देश को प्यार करना हमारे लिए इतना मुश्किल क्यों है?

 जाहिर सी बात है कि यह बात देशभक्त लोगों
को स्वीकार नहीं होगी क्योंकि वह तो अपनी गाड़ियों पर तिरंगा झंडा लहराते हैं मोबाइल पर देश भक्ति की हेलो ट्यून लगाते हैं स्क्रीन सेवर पर वॉलपेपर पर व्यस्त पर और वेशभूषा पर तिरंगा लगाते हैं फिर हम कैसे मान लें कि लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार नहीं करते हम देश से प्यार नहीं करते हैं वास्तव में देश भक्ति को मापने की शक्ति किसी पैमाने में नहीं है इसके लिए वास्तव में अपने दिल पर हाथ रख कर हमें स्वयं ही इमानदारी से कुछ जवाब दे देंगे नंबर 1 अगर आप कोई नशा करते हैं तो आप देशभक्त बिल्कुल नहीं कहे जाएंगे चाहे आपके दिल में देश के लिए प्रशांत महासागर से भी गहरा प्रेम क्यों ना हो क्योंकि इस देश को सशक्त संस्कारी और जोश से भरे हुए युवाओं की जरूरत है नशा करने वालों की रचनात्मकता 2% भी इस देश को नसीब नहीं होती है क्योंकि नशा आपको इस लायक ही नहीं छोड़ता की आप देश भक्त कहलाए नशा आपसे आपके समरण शक्ति को तथा सोचने समझने की शक्ति को ही कमजोर कर देता है नशे की हालत में आप सही गलत का फर्क भी भूल जाते हैं सो आप खुद का भी भला नहीं सोच पाते तो आप से देश का भला चाहने की उम्मीद करना भी बेकार है अतः आप देश को बना नहीं रहे बल्कि आप देश को बर्बाद कर रहे हैं दूसरी बात यह है कि क्या आप महिलाओं का सम्मान करते हैं आपको एक सीधे साधे प्रश्न के लिए भी अगर सोचना पड़ रहा है तो आप अपने आप से पूछिए क्या आप सच में देश प्रेमी कहलाने लायक हैं अगर आप एकांत में दोस्तों के साथ लड़कियों को लेकर टिप्पणी करते हैं आप उनकी नाजुक भावनाओं से के साथ खिलवाड़ करते हैं आपने कितनों को कष्ट दिया है आप नेट पर आपत्तिजनक वेबसाइट ढूंढते हैं और वह आपके लिए मौज मस्ती का विषय है और आप सड़क चलते बसों और अन्य भीड़ वाली जगहों पर आप उन पर फब्तियां कसते हैं तब तो आप इस देश में रहने के लायक ही नहीं है फिर आपकी दिखावे की देश भक्ति देश के किस काम की है अरे यह देश सदियों से नारीत्व को सम्मान देने वाली गरिमामई संस्कृति के लिए जाना जाता है सारा संसार भारत को देवताओं का देश के नाम से जानता है आप उसी खुद के देश का अपमान कर रहे हैं लेकिन अफसोस की बात तो यह भी है कि कुछ नारी अभी आज भारत में ममता की देवी और मां का दर्जा पाने वाली कई मामा आदर्श पर कलंक बन गई है इसके अलावा यदि आप सड़क पर गंदगी फैलाते हैं पैदल सड़क चलते कार बस या ट्रेन में बैठकर पान गुटखा या तंबाकू खा कर उसकी पीठ सड़क पर थूकते हैं तो भी आप देश प्रेमी नहीं कहलाएंगे यदि आप किसी की दीवार को बाथरूम समझ लेते हैं या सिगरेट बीड़ी के टुकड़े जहां-तहां फंसे हैं या ऐतिहासिक स्थलों किसी पवित्र जगह पर उल्टी-सीधी बातें चाटिया कोयले से लिखते हैं या आप माता पिता गुरुजनों की बातों को उनके सामने स्वीकार करके भी बाद में ना करने पर आप देश प्रेमी तो दूर देशद्रोही से भी अधिक बदतर हैं अगर आप रिश्वत लेते हैं या देते हैं ताकि आपका काम जल्दी हो जाए और उनकी और उनकी ओवर इनकम बन जाए तो आप दोनों ने सच्चे भारतीय नागरिक होने का गौरव खो दिया है क्योंकि यह शब्द भ्रष्टाचार है और लालच भ्रष्टाचार की जननी है यदि हमारे देश का कोई भी नागरिक इस रूप में है तो चाहे कितने नारे लगाए देश प्रेम के वह सब खोखले हैं अगर आप गुरु या बांस के सामने या गार्जियन के सामने दिखावे के लिए पढ़ाई करते हैं या काम करते हैं या कोई भी कार्य करते हैं और उनके जाने के बाद तुरंत गपशप या टेबल पर कोई अनर्गल कार्य करते हैं तो आप अप्रत्यक्ष रूप से अपना और देश का दोनों का नुकसान कर रहे हैं जी हां जरा उन पर भी नजर डालो जो स्कूल के टीचर है खाते हैं गुटके और पढ़ाते हैं पाठ कमला पसंद खाकर चैप्टर लिख आते हैं दबदबा इतना बनाए हैं कि बच्चे उनके नाम से कांपते हैं और जब बच्चे टीचर की आवाज साफ ना सुन पाने से शब्द गलत लिखते हैं और जब कॉपी चेक करवाते हैं तो टीचर गलत लिखा होने के कारण बच्चों को मारते हैं और कहते हैं गलत क्यों लिखा बे जरा बताओ बच्चा कैसे बताएं कि गलत क्यों लिखा बच्चे के अंदर इतनी हिम्मत नहीं कि उनके सामने हकीकत कह दे आप ही बताओ कि क्या बच्चा जानबूझकर गलत लिखता है क्या उसे मार खाना अच्छा लगता है या उसे गलत लिखने का शौक चल रहा है जरा आप खुश हो तो आज आप इस स्वतंत्रता दिवस पर अपनी आदतों का स्वयं मूल्यांकन करें और देश के लिए अच्छे इंसान और सच्चे देशभक्त बनने की पहल शुरू कीजिए तभी आप भारत माता की पीड़ा को दूर कर सकेंगे और मां तुझे सलाम व दिल दिया है जान भी देंगे आपका साकार होगा आज देश तमाम समस्याओं से गुजर रहा है लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो देश है लोग अपने देश समाज या देश को इस चला इग्नोर करते हैं बल्कि पश्चिमी और विदेशी सभ्यता को पसंद करते हैं बस यही सोचते हैं कि कब मौका मिले और कब दूर शहर या देश को भाग जाएं यही ख्वाब लेकर हम बड़े होते हैं क्योंकि लोगों को अपने घर का या समाज का छोटा काम करने में शर्म आती है उसे बेजती समझते हैं और बाहर जाकर चाहे रोज 400000 उसे खाकर वही काम करें पर वह उन्हें मंजूर है इसी तरह हम बड़े हो जाते हैं लेकिन आने वाली पीढ़ी से यही कहते हैं इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के अरे जब आप अपने को नहीं सुधार सकते तो भला दूसरों को क्या सुधरेंगे बस आप अपनी सूझबूझ से अपना जमीर सुधारने की निरंतरता को बनाए रखें बस यही दोस्तों आप से उम्मीद है यही आशा है

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